Air Defence System : पाकिस्तान के पर कतरने को तैयार भारत का एयर डिफेंस सिस्टम

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Operation Sindoor से तड़प रहे पाकिस्तान ने कुछ हिमाकत करने की कोशिश की, लेकिन भारत के Air Defence System ने उसे जमीन पर ला दिया।

कल्पना कीजिए एक ऐसी लड़ाई की, जो जमीन पर नहीं, हवा में लड़ी जा रही है। दुश्मन मिसाइलें छोड़ रहा है, फाइटर जेट आपकी सीमा के करीब मंडरा रहे हैं, और ऊपर आकाश में सन्नाटा नहीं, बल्कि रडारों की सधी हुई नजरें तैनात हैं।

यह कोई फिल्मी दृश्य नहीं, बल्कि एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) की दुनिया है - वह ढाल जो किसी देश को आसमान से होने वाले हमलों से बचाती है।

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। बौखलाए पाकिस्तान ने भारत में नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की है। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) ने पड़ोसी देश के हर हमले को नाकाम कर दिया है। साथ ही पाकिस्तान में कई एयर डिफेंस रडार और सिस्टम भी तबाह कर दिए हैं। भारत के ड्रोन ने दुश्मन को करारा जवाब दिया है।

आतंकवाद के खिलाफ इस जंग में एयर डिफेंस सिस्टम बेहद प्रभावी हो गया है। आपको याद होगा कि हमास से लड़ रहे इस्राइल को भी उसके इसी सिस्टम ने सुरक्षित रखा हुआ है।

क्या होता है एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System)?

सरल भाषा में कहें, तो एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) ऐसा रक्षा कवच है, जो दुश्मन की किसी भी मिसाइल, ड्रोन, फाइटर जेट या बमबारी के खतरे को पहचानता है, ट्रैक करता है और हवा में ही नष्ट कर देता है। इसमें मुख्य रूप से तीन पार्ट होते हैं - 

रडार और सेंसर्स : जो किसी भी उड़ती हुई चीज को पकड़ने का काम करते हैं।

कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम : जो तय करता है कि कब और किससे जवाब दिया जाए।

इंटरसेप्टर मिसाइल या गन सिस्टम : जो हमले को हवा में ही ध्वस्त कर देता है।

अब बात करते हैं कि भारत और पाकिस्तान के पास कौन-कौन से एयर डिफेंस सिस्टम हैं।

भारत का एयर डिफेंस कवच (Indian Air Defence System)

भारत ने अपने एयर डिफेंस को लेयर-बाय-लेयर तैयार किया है यानी छोटे, मंझले और लंबे रेंज के हमलों को रोकने वाले अलग-अलग सिस्टम।

S-400 ट्रायम्फ 

- भारत का सबसे आधुनिक और दूर तक मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम। रूस से मिला है।

- 400 किलोमीटर तक की दूरी पर उड़ती मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को मार सकता है।

- रडार की आंख इतनी तेज कि 80 से ज्यादा टारगेट एक साथ देख सकता है।

बराक-8 

- भारत-इस्राइल की साझेदारी की देन। 

- यह मिड-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है जो क्रूज मिसाइल, फाइटर जेट और ड्रोन को 70–100 किमी दूर से ही खत्म कर सकता है।

- नौसेना और वायुसेना, दोनों इसका इस्तेमाल करते हैं।

आकाश मिसाइल सिस्टम 

- DRDO द्वारा विकसित यानी Make in India प्रोजेक्ट की देन है।

- 30 किमी तक के टारगेट को ट्रैक और ध्वस्त कर सकता है।

- यह भारतीय थलसेना और वायुसेना की पहली घरेलू सुरक्षा लाइन है।

QRSAM (Quick Reaction Surface to Air Missile)

- यह बेहद तेज रिएक्शन वाला एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) है, जो 15–25 किमी के भीतर हमला रोकने के लिए तैनात किया गया है। खासतौर पर बॉर्डर पर सेना की टुकड़ियों की रक्षा के लिए।

इस्राइल के पास तीन स्तरीय एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। 

Iron Dome : इस कम दूरी के रॉकेट मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। मिसाइल लॉन्चर से 70 किमी की दूर तक कारगर। शेल और मोर्टार से भी रक्षा कर सकता है।

David's Sling : लंबी दूरी के रॉकेटों, क्रूज मिसाइल से सुरक्षा देता है। टारगेट को 300 किमी दूर ही मार गिरा सकता है। इसके डिवेलपमेंट का काम अब भी चल रहा है।

Arrow system : सबसे बाहरी लेयर, इसके तहत Arrow 2 और Arrow 3 सिस्टम। मारक क्षमता 2400 किमी। मध्यम, लंबी दूरी की मिसाइलों से निपटने में सक्षम। 

भारत भी आयरन डोम तकनीक पर आधारित शहरों और सामरिक ठिकानों की रक्षा के लिए सिस्टम बना रहा है।

अब थोड़ी बात करते हैं पाकिस्तान की (Pakistani Air Defence System)

पाकिस्तान की वायु रक्षा भारत जैसी बहुस्तरीय नहीं है। उसके पास जो भी है, उधार का है। उसने चीन से HQ-9B खरीदा है, जो 120–250 किमी तक मार कर सकता है। चीन से ही LY-80 भी लिया है, जो एक मिड-रेंज मिसाइल सिस्टम है। इसकी रेंज 70 किमी है। यह पाकिस्तान की थलसेना के पास है।

पाकिस्तान के पास पुराने मॉडल की एंटी एयरक्राफ्ट गन भी हैं। इनका इस्तेमाल ड्रोन या कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों के खिलाफ होता है। हालांकि नई जेनरेशन के विमानों और ड्रोन के सामने ये गन धीमी पड़ जाती हैं।

भारत को इसलिए हासिल है बढ़त

- भारत के पास छोटे से बड़े रेंज तक के हमलों को रोकने की तैयारी है।

- रूस, इस्राइल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों के साथ रक्षा तकनीक साझेदारी है।

- भारत अब अपने मिसाइल सिस्टम खुद बना रहा है, जिससे आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है।

- रियल टाइम जवाब देने की क्षमता। ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई में भारतीय एयर डिफेंस (Indian Air Defence System) पूरी सतर्कता से सक्रिय रहा।

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